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Tuesday, November 15, 2022

छतिहार पर कबिता

 घर वा मे आइल ललनवा

निहाल होइले माइ बाबु

खन्दान के बदल बंश 

देखिके निहाल भैले दादा दादी


निक लागे घरवा दुवरवा

दुल्हीन लेले बारीन गोदि मे ललनवा

घरे घरे बताइल पुरी हलुवा 

निहाल भैले चाचा चाची उमेश कुमार गुप्ता

खुन से लिखल संविधान ह

 खुन से लिखल संविधान ह

बेइमानी के खुला किताब ह


नजर मे बा सत्ता कुर्सी 

दिल मे दाव पेच


गिरगीत के जैसन रङ्ग बद्लेल

नजर आवेल  चुनाव मे


बाँट के देश के कइल गठबन्धन 

बिना पेनी के लोटा का काम के

उमेश कुमार गुप्ता








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