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Monday, October 23, 2017

Bhojpuri Poem

दिल के सबसे पास, सबसे खाश ह
जिए मरेके एहसास ह
हमर सुखल जीवन के पहिलका  बरसात ह
जे पानी से ना  मिटे उ इनार के प्यास ह
तोहार मुस्कान से चाँद खिले 
तू उदास त  अमावश के रात 



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