बतिया बा ओकर दर्द और अहसास
चेहरा पर ख़ुशी मगर मनवा बा उदास
चाहे रही केतना भी दुरी आज
रहत बिया उ हरदम दिल के आस पास
रोजरोज सपना सजावे ओकर तिरिया
केहू त बा ओकर खासमखास
सपना सबेरे उठते ही टूटत बा रोजरोज
फिर भी ना जानी काहे नइखी हम निराश
चेहरा पर ख़ुशी मगर मनवा बा उदास
चाहे रही केतना भी दुरी आज
रहत बिया उ हरदम दिल के आस पास
रोजरोज सपना सजावे ओकर तिरिया
केहू त बा ओकर खासमखास
सपना सबेरे उठते ही टूटत बा रोजरोज
फिर भी ना जानी काहे नइखी हम निराश